सांप से डरो नहीं

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सांप का ख्‍याल आते ही हम सबको पसीना छूट जाता है। लेकिन सभी सांप जहरीले नहीं होते। यह इसी बात से साबित हो जाता है कि भारत में पाए जाने वाले 240 प्रकार के सापों में से 50 प्रकार के सांप ही विषैले होते हैं। इनमें से नाग (कोबरा), मनीर (क्रेट), गोनस (सौ स्केल्ड वाइपर) सबसे ज्यादा विषैले होते हैं। दुनिया का सबसे जहरीला सांप है आस्ट्रेलियन टाइगर। विषैले सापों में सबसे लंबा सांप है किंग कोबरा। किंग कोबरा नाग नहीं है, लेकिन फिर भी नाग की तरह की फन निकालता है। वैसे विश्व का सबसे लंबा सांप है एनाकोंडा, लेकिन यह विषैला नहीं होता। भारत में सबसे लंबा सांप रेटिक्युलेटेड पायथन है और वह भी जहरीला नहीं होता। भारत में पाया जाने वाला मनीर सबसे जहरीला सांप होता है। उसमें नाग की अपेक्षा दस गुना ज्यादा जहर होता है। मनीर का शरीर काला-नीला होता है और उस पर सफेद धारियां होती हैं। यह दिन भर तो आराम करता है और रात में शिकार की खोज को निकलता है। मिट्टी पत्थर के ढेर में छ‍िपने की उसकी आदत होती है। चूहे, मेंढेक, छिपकलियां, छोटे-बड़े पक्षी वे सांप इसका प्रिय भोजन होते हैं। मनीर की दो प्रजातियां कॉमन क्रेट और ब्रांडेड क्रेट भारत में सबसे ज्यादा पायी जाती हैं।
भारी-भरकम शरीर, चपेटे-तिकोने से सिर वाले गीनस पर चेन पैटर्न होते हैं। इसे पहचानना सरल है। संकट के समय यह अपनी रक्षा के लिए कुंडली बनाकर फुफकार करने लगता है। इसके जहरीले दांत अंदर की ओर मुड़े होते हैं। सापों का जहर कई विषैले तत्वों, एंजाइम व प्रोटीन से मिलकर बनता है। वास्तव में जहर सांप की लार में होता है और इसे भी सांप की लार ग्रंथियां बनाती हैं। आत्मरक्षा के लिए जब सांप काटता है तो उसके दांत जहर छोड़ देते हैं। नाग और मनीर का विष मनुष्य की तं‍त्रिका प्रणाली पर असर करता है, जबकि मीनस का विष रक्त संचार पर।
सांपों के कान नहीं होते। सपेरा जब बीन बजाता है तो बीन को घुमा-2 का सांप के चेहरे के पास ले जाता है। सांप समझता है कि उस पर हमला होने वाला है। वह फन उठाकर सचेत हो जाता है। लगता हे वे नाचने वाला है। कान ने होने के कारण सांप जीभ से सूंघता है। वह बार-बार जीभ लपकाकर हवा से गंध कंठ उठाता है। सांप कुछ-कुछ समय के बाद अपनी केंचली गिरा देता है। उसके शरीर पर पतली झिल्ली होती है, जिसे कंचुली कहा जाता है। हर कुछ समय बाद वह इसे गिरा देता है और कुछ दिन बाद वह झिल्ली दोबारा आ जाती है। इस दौरान वह बड़ा सुस्त हो जाता है लेकिन बाद में फुर्तीला हो जाता है।