बी ग्लोबल विद ग्लोबिश
ग्लोबिश, ग्लोबल और इंगलिश शब्द का कॉम्बिनेशन है। यह इंगलिश का वह वर्जन है, जिसमें इंगलिश लैंग्वेज के सबसे ज्यादा कॉमन कुछ लिमिटेड वर्ड ही यूज किए जाते हैं। ऐसे वर्ड्स की संख्या करीब 1500 है। इन बेसिक वर्ड्स के कारण इसे समझना काफी आसान है। इनकी खास स्पेलिंग और उच्चारण यानी प्रननसिएशन ग्लोबिश से आपको कम्यूनिकेशन की कई टिप्स भी मिलती है, जिससे यह निश्चित होता है कि बिना इंगलिश पर अपनी कमांड बनाए, आप उसे अच्छी तरह से समझ सकते हैं। इसमें आपको जटिल शब्दों के आसान और आमतौर पर यूज किए जाने वाले कई समानार्थी शब्द भी मिल जाएंगे, जिससे कि आपको कोई बात समझने में दिक्कत पेश न आए। ग्लोबिश के प्रयोग के समय यह खासतौर पर सलाह दी जाती है कि आसान और छोटे वाक्यों का ही यूज किया जाए, जिससे कि इंगलिश में कही गई बात को समझने में दिक्कत न आए इसका एक फायदा यह भी है कि इससे पैदायशी इंगलिश न बोलने वालों के साथ या उनके बीच में बातचीत के दौरान आपको सारी बात तुरंत समझ आ जाती हैं। दरअसल दुनिया भर में बोली जाने वाली करीब 6800 भाषाओं में शामिल नया एडिशन है ग्लोबिश। लेकिन इसके इनवेंटर जीन पॉल नेरियर इसे प्रॉपर लैंग्वेज नहीं मानते। उनके मुताबिक, 'यह कोई लैंग्वेज नहीं, बल्कि एक टूल है। ग्लोबिश सिर्फ कम्युनिकेशन का जरिया मात्र है। यह एक तरह से इंगलिश का ही हल्का रूप है, जो उसे आसान बनाती है, ताकि सभी की समझ में आ सके। नेरियर तो यहां तक कहते हैं कि दुनिया भर में 88 फीसदी से ज्यादा आबादी द्वारा बोली जाने वाली लैंग्वेज, वास्तव में इंगलिश है ही नहीं। इंगलिश जानने का फायदा तभी है, जब आप किसी भी अंग्रेजी बोलने वाले की बात को पूरी तरह समझ सकें। अगर आप किसी की बात को नहीं समझ पा रहे हैं, तो आपक चेहरे से उसकी साफ झलक मिल जाती है। सैंपल ऑफ ग्लोबिश ऑक्सफोर्ड इंगलिश डिक्शनरी में करीब 615000 वर्डस हैं यह उन सभी शब्दों का कलेक्शन है, जो इंगलिश लैंग्वेज में यूज किए जाते हैं। अगर मूल रूप से इंगलिश बोलने वालों की बात करें, तो उनमें भी अच्छे से अच्छे वक्ता 80 हजार या फिर उससे कुछ ज्यादा वर्ड ही जानते होंगे या परिचित होंगे। लेकिन वह भी बातचीत के दौरान इंगलिश के 7500 वर्ड्स का ही यूज करते होंगे। इंगलिश लैंग्वेज और भी ज्यादा जटिल हो सकती है, अगर कोई स्पीकर या राइटर दूसरे इंगलिश स्पीकर के साथ बातचीत मं वर्डस और स्ट्रक्चर की सभी संभावनाओं को अपनी बात में शामिल करने का दिखावा करे। जबकि इंगलिश का ही रूप कहे जाने वाले ग्लोबिश के जरिए हमें कम्यूनिकेशन का एक आसान और अधिक यूनिवर्सल तरीका मिलता है। इसके सहारे हम दूसरे लोगों से 5 गुना ज्यादा बेहतर तरीक से बात कर सकते हैं। ग्लोबिश का मकसद सिर्फ एक लेवल तक पहुंचना है, एक कॉमन ग्राउंड तक, जहां हर कोई किसी को समझें, दुनिया में कहीं भी ग्लोबिश का मुख्य सिद्धांत एक शब्दकोष है, जिसमें अंग्रेजी के सिर्फ 1500 शब्द, हाव भाव और रिपिटशन दोहराव है। यह तीन चीजों को एफिशिएंसी को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ऑलवेज, एवरीवेअर विद एवरीवन। इसमें पांइट तक पहुंचने के लिए तीन शब्दों का प्रयोग होगा, जिन्हें आप हर जगह समझ सकते हैं। जैसे टारगेट गोल और ऑब्जेक्टिव। दुनिया भर में ऐसे कई लोग हैं, जिनकी इंगलिश काफी कमजोर है। किसी को वोकेब्युलरी 2 हजार वर्ड की हो सकती है, तो किसी 1200 वर्ड की। ग्लोबिश की खासियत यही है कि 1500 शब्दों में आप सब कुछ एक्सप्रेस कर सकते हैं। सारी दुनिया के लोग इसी लिमिटेड वोकेब्युलरी के साथ अंग्रेजी बोल सकते हैं। कंप्यूटर पर इसे सीखना और फोन पर प्रेक्टिसस करना इसे और भी आसान बना देगा फ्रांस जैसे देशों में तो कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को सलाह देती हैं कि टेलीफोन के जरिए इंडिया जैसे देशों के लोगों से बात करें, क्योंकि वहां के लोग अच्छी इंगलिश बोलते हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि इसे सिर्फ 182 घंटों में सीखा जा सकता है।
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