रोजगार के बेशुमार मौके हैं एनएलई यानी नॉन लीनियर एडिटिंग में
पिछले कुछ वर्षों में भारत में न्यूज और मनोरंजन चैनलों के साथ प्रोडक्शन हाउसेज की बढ़ती संख्या के कारण इस सेक्टर में तरह-तरह के प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ गई है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े ग्लैमर के कारण युवा इस फील्ड की ओर तेजी से खिंचे चले आ रहे हैं, लेकिन संबंधित कोर्स करने के बावजूद सभी को नौकरी मिलने में मुश्किल होती है। ऐसे में एडिटिंग खासकर नॉन-लीनियर एडिटिंग यानी एनएलई का अपडेटेड कोर्स करके प्रोडक्शन हाउस में और न्यूज चैनल में आप आसानी से नौकरी पाने में कामयाब हो सकते हैं। अगर आप में दृश्यों को समझने और परफेक्ट साउंड मिक्सिंग की क्षमता है तो आप इस क्षेत्र में बेहतर काम कर सकते हैं।क्या है नॉन लीनियर एडिटिंग
कैमरे से शूट किए गए वीडियो को कंप्यूटर की सहायता से एडिट करके निर्धारित टाइम फ्रेम पर चलाना ही एडिटिंग कहलाता है। शूट के बाद प्रोग्राम या फिल्म की मांग के अनुसार वीडियो टेप्स को एडिट करके टाइम लाइन पर रखा जाता है। विजुअल्स के साथ साउंड और म्युजिक दोनों मिक्स किए जाते हैं। पहले यह काम लीनियर एडिटिंग तकनीक से किया जाता था। लेकिन वह तकनीक बहुत महंगी होती थी, साथ ही इसमें समय भी काफी लगता था। अब यह सारा नॉन लीनियर एडिटिंग से किया जाता है। इसमें कंप्यूटर पर एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से की जाती है। किसी कार्यक्रम को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करना एडिटर की दक्षता पर निर्भर करता है। ऐसे में इस क्षेत्र में खास पहचान बनाने के लिए आप में एडिटिंग के साथ-साथ क्या अच्छा लगेगा और क्या नहीं की समझ होनी बहुत ही जरूरी है। कैसे पाए प्रवेश संभावनाएं प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानभारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली
|
|