बस एक शानदार क्लिक कहते हैं, एक फोटो दस हजार शब्दों के बराबर होती है, और इस कला को वही समझ सकता है, जिसे मौन की भाषा समझ आती हो। फोटोग्राफी एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए व्यक्ति खुद को अभिव्यक्त कर सकता है। यह एक कला की तरह है, जिसमें काबलियत हासिल करने के लिए व्यक्ति को सौंदर्य की समझ होने के साथ ही टेक्निकल चीजों की नॉलेज भी होनी चाहिए। आज फोटो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह के मीडिया के लिए भी बेहद जरूरी चीज हो गई है। इस देखते हुए युवाओं की रुचि इन दिनों फोटोग्राफी में बढ़ती जा रही है।
योग्यता फोटोग्रॉफी के कोर्स को आप बारहवीं के बाद कर सकते हैं। इसमें आप डिग्री डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं। इसमें थ्योरी की जितनी जरूरत है, उतनी ही क्रिएटिविटी भी जरूरी है। कल्पना करने की क्षमता होने के साथ उसे शब्दों के साथ चित्रों में ढालने की कला का ज्ञान होना भी जरूरी है। कोर्स इस कोर्स के अंतर्गत चित्र -कला को समझने की कला सिखाई जाती है। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया जाता है कि फोटोग्रॉफी के क्षेत्र में क्या बदलाव हो रहे हैं और किस तरह की तकनीक अपनाई जा रही है। परंपरागत तरीकों के साथ ही फोटोग्रॉफी की नई तकनीकों जैसे इलेक्ट्रॉनिक और डिजीटल फोटोग्रॉफी के बारे में भी बताया जाता है। जामिया के एक एक्स स्टूडेंट गुलशन कहते हैं, 'मैंने यह क्षेत्र इसलिए चुना, क्योंकि मुझे लगता है कि जितना हम लोगों को लिखकर और बोलकर नहीं समझा सकते, उतना दिखाकर समझा सकते हैं। खूबसूरती को कैमरे में उतारने की कला सिखाने के लिए मैंने यह कोर्स जॉइन किया। आज मैं चैनलों के लिए कैमरामैन के तौर पर काम कर रहा हूं। रोजगार के मौके इस कोर्स को करने के बाद आपके पास रोजगार के तमाम मौके होंगे, जिनमें आप मनचाही इनकम कमाने के साथ एक अच्छे फोटोग्रॉफर और कैमरामैन के रूप में नाम कमा सकते हैं। प्रेस फोटोग्रॉफर प्रेस फोटोग्रॉफर को फोटो जर्नलिस्ट भी कहा जाता है। इसका काम नेशनल से लेकर लोकर हर प्रेस में होता है। प्रेस फोटोग्रॉफर के साथ पत्रकार भी होता है और उसे फोटो की बेहतर पहचान होती है। फीचर फोटोग्रॉफी - फीचर फोटोग्राफर को एकदम परफेक्ट होना चाहिए, क्योंकि इसे हर तरह फोटो खींचने को कहा जा सकता है। इसकी फोटोग्रॉफी ऐसी होनी चाहिए जिसे देखकर व्यक्ति कहानी का अनुमान लगा ले कि अंदर क्या है। फीचर फोटोग्राफर को हर किस्म के थीम और विषय पर काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कमर्शल व इंडस्ट्रियल फोटोग्राफर इस फोटोग्राफर का काम किसी कंपनी में ज्यादा होता है। फैक्ट्री में एक्सटीरियर व इंटीरियर के फोटो खींचने की जिम्मेदारी इसी के जिम्मे होती है। इसके खींचे गए फोटोज को कंपनी के ब्रोशर्स, वार्षिक रिपोर्ट, विज्ञापन और सेलिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसका मुख्य काम होता है अपनी फोटोग्राफी के जरिए कंपनी की छवि को बेहतर से बेहतर रूप देना। वेडिंग फोटोग्राफर शादी या पर्सनल फोटो खींचने का काम ये फोटोग्राफर करते हैं। इस तरह के फोटोग्राफर की डिमांड ज्यादातर घरों और वर्कप्लेस पर होती है। एडवर्टाइजिंग फोटोग्राफी इन फोटोग्राफर्स को खुद कंपनी ऑर्डर देती है कि उन्हें किस तरह की फोटो चाहिए या फिर कई बार अपने एंगल से भी फोटोग्राफी करके ऐड के लिए प्रॉडक्ट्स लाते हैं। फैशन फोटोग्राफी इन दिनों भारत में फैशन फोटोग्राफी का प्रचलन काफी जोरों पर है। यह क्रिएटिव और सबसे कमाई वाले क्षेत्रों में एक है। ज्यादातर फैशन फोटोग्राफर्स फैशन हाउस और विज्ञापन एजेंसियों में विशेषज्ञ या फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर सकते हैं। इनका ज्यादातर काम फैशन से जुड़ा होता है। वे फैशन हाउस के साथ डिजाइनर, फैशन जर्नल और न्यूजपेपर में भी काम कर सकते हैं। फॉरेसिंक फोटोग्राफी एक क्राइम की जगह पर फोटो हर एंगल से लेने की जरूरत होती है, जिसमें क्राइम के बारे में सही से पता चल सके। फांरेसिक फोटोग्राफर का काम आप किसी भी एजेंसी, पुलिस, कानूनी सिस्टम के साथ जुड़कर कर सकते हैं। साथ ही डिटेक्टिव एजेंसीज में भी काम किया जा सकता है। इसके अलावा डिजिटल फोटोग्राफी, फाइन आर्ट फोटोग्राफी, नेचर एंड वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और फ्रीलांसिग जैसे काम भी किए जा सकते हैं। मनी मैटर्स एक फ्रैश फोटोग्रॉफर अपना काम सीनियर फोटोग्रॉफर के असिस्टेंड के रूप में शुरू कर सकता है। एक फ्रीलांसर के रूप में आप जितनी अच्छी फोटो खींच पाएंगे, उसी के हिसाब से आपकी आमदनी तय होती है। आपकी आय संस्थान के बड़े या छोटे होने पर भी निर्भर करती है। अगर संस्थान बड़ा है, तो आपकी शुरुआती इनकम 25 हजार रुपए तक होती है और संस्थान छोटा है, तो दस हजार रुपए से आपकी इनकम की शुरूआत हो सकती है।
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