खुलासा नॉलेज

बुकर प्राइज

बुकर प्राइज इस वर्ष अपनी चालीसवीं वर्षगांठ मना रहा है। मैंन बुकर प्राइज फॉर फिक्‍शन, जिसे प्रचलित रूप में बुकर प्राइज के नाम से जाना जाता है, राष्‍ट्रमंडल देशों और आयरलैंड के अंगरेजी भाषा के उपन्‍यास लेखकों को प्रतिवर्ष दिया जाता है। इस पुरस्‍कार को अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी खासी तवज्‍जो दी जाती है। नतीजतन इस पुरस्‍कार को हासिल करने वाले या फिर इसके लिए लिस्‍टेड होने वाले लेखकों का रुतबा खुद--खुद बुलंद हो जाता है। तब और अब दरअसल इस पुरस्‍कार का असली नाम बुकर-मैककॉनेल प्राइज था, जो कि प्रायोजक कंपनी बुकर- मैककॉनेल के नाम पर रखा गया था। बुकर- मैककॉनेल कंपनी वर्ष 1968 से बुकर प्राइज को प्रायोजित करती रही है। वर्ष 2002 में इसकी जिम्‍मेदारी बुकर प्राइज फाउंडेशन के हवाले कर दी गई। साथ ही अवार्ड में दी जाने वाली रकम में भी दोगुन से अधिक की बढोत्‍तरी कर दी गई। पहले यह राशि 21 हजार पाउंड थी, 2002 में जिसे बढ़ाकर 50 हजार पाउंड कर दिया गया। चयन प्रक्रियापुरस्‍कार के लिए चयन प्रक्रिया की शुरुआत एक एडवाइजरी कमेटी करती है, जिसमें एक लेखक, दो पब्लिशर, एक लिटररी एजेंट, एक पुस्‍तक विक्रेता, एक लाइब्रेरियन और एक कमेटी का चेयरपर्सन होता है, जिनका चयन बुकर प्राइज फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। इसके बाद एडवाइजरी कमेटी अवार्ड के लिए जजिंग पैनल का चुनाव करती है। जजिंग पैनल में अंगरेजी साहित्‍य से जुडे दिग्‍गजों और प्रतिष्ठित हस्तियों को शामिल किया जाता है। जजिंग पैनल के सदस्‍यों का कार्यकाल आमतौर पर एक वर्ष का होता है। हां कभी-कभार किसी जज को दूसरे साल के लिए भी जजिंग पैनल में शामिल कर लिया जाता है। बुकर इस साल हाल ही में भारत के अरविंद अडिगा को उनके उपन्‍यास 'दी व्‍हाइट टाइगर' के लिए वर्ष 2008 का बुकर पुरस्‍कार दिया गया है। अपने पहले ही उपन्‍यास के लिए बुकर पुरस्‍कार से नवाजे गए अरविंद इस अवार्ड को हासिल करने वाले भारतीय मूल के चौथे लेखक हैं। भारत या भारतीय मूल के लेखकों में सलमान रुश्‍दी को सबसे पहले 1981 में उनके उपन्‍यास 'मिडनाइट चिल्‍ड्रेन' के लिए बुकर पुरस्‍कार मिला था। उसके बाद 1997 में अरुंधति राय को 'गॉड ऑफ स्‍मॉल थिंग्‍स' के लिए और 2006 में किरण देसाई को 'दी इनहेरिटेंस ऑफ लॉस' के लिए बुकर मिला। सलमान रुश्‍दी के नाम एक और रिकॉर्ड है। 25 सालों के सबसे अच्‍छे उपन्‍यास का सेहरा भी सलमान रुश्‍दी के सिर ही बंधा। वर्ष 1993 में रुश्‍दी को मिडनाइट चिल्‍ड्रेन के लिए बुकर के 25 वर्षों के इतिहास में सबसे अच्‍छे उपन्‍यास का बुकर ऑफ बुकर्स का पुरस्‍कार मिला। इतना ही नहीं सलमान रुश्‍दी को बुकर की चालीसवीं वर्षगांठ पर वर्ष 2008 में एक विशेष पुरस्‍कार मिडनाइट चिल्‍ड्रेन के लिए ही दिया गया।